कल फिर वही रात थी ,,,,
कल फिर वही रात थी ,
वारिश तेज हो रही थी ,
नई नई मुलाक़ात थी ,
कल रात थी ,
तुम मिले , मैं मिली ,
एक खूबसूरत सी ,
बात थी ,
कल फिर वही रात थी ,
आसमान में ,काली घटा ,
बादलों की ,
रात काली ,
हर तरफ बस धुआँ धुआँ ,
हर तरफ बस धुआँ धुआँ ,
तारे भी , टिम टीमा रहे थे ,
चाँद भी , मुस्कुरा रहा था ,
तरन्नुम -ए - फिज़ा भी ,
महक उठी थी ,
तबस्सुम , चाँदनी की ,
अदायगी , चाँदनी की ,
आँखें मींच कर ,
चाँदनी को , खींच कर ,
चाँद भी ,अपनी मस्ती में था ,
कल फिर वही रात थी ,
बारिश तेज हो रही थी ,
नई नई मुलाक़ात थी ,,,,,
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