Tuesday, January 14, 2020

nayi nayi dosti kalam se meri ,,,,

नयी नयी दोस्ती कलम से मेरी ,,,,




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मैं ज़िंदगी का हर फ़लसफ़ा ,
तुझसे ही इख़्तियार करूँ ,
मेरी ' कलम ' तुझसे बेहतर ,
कोई और मेरा ज़ानिब नहीं ,,,,

मैं भी तन्हा, मेरा हर ख़याल भी तन्हा ,
तो सोचा, क्यों न साथ चलें ,
दिल की तसल्ली के लिए ,
ये ख़याल अच्छा है ,,,,,,



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