कहानी नारी की ,,,,
कहानी नारी की ,,
नारी के जीवन मैं रंग अनेक हैं ,
हर रंग से बनती एक खूबसूरत तस्वीर है ,,,,
मगर हर तस्वीर की एक अलग ही कहानी है ,
कहानी उसकी नादानी की ,
रोष , आक्रोश , या कभी उदासी मैं डूबी
जवानी की ,,,
कहानी अम्बर को छूने की ,,
ललक आकाश मैं उड़ने की ,
तृष्णा अपने अस्तित्व को पाने की ,
जीवन मैं अपनी एक अलग ,
पहचान बनाने की ,,
कहानी अपने लिए लड़ने की ,
कहानी दूसरों के लिए , अपने
जीवन को न्यौछावर कर देने की ,
कहानी सबको अमृत देने की ,
और खुद घूँट घूँट विष के ,
प्याले पीने की ,,
कहानी पुरुषों के पैरों , रौंदे जाने की ,
या अत्याचार के विरुद्ध , अपनी आवाज़ उठाने की ,
कहानी नारी के अस्तित्व को मिटाने की ,
या देवी रूप मैं पूजे जाने की ,,
सतयुग ,त्रेता ,द्वापर , कलयुग
युगों - युगों से चली आ रही ,
कहानी नारी की ,
अपना आत्मसम्मान खोकर ,
हर बार परीक्षा देती आई है,
सीता हो या पांचाली ,,,
कहानी नारी की ,, मगर
अब इतिहास बदलेगा ,
और बदलेगी हर कहानी ,
अब और भी खूबसूरत होगी ,
उसकी तस्वीर निखरेगा हर रंग ,
सम्मान और स्वतंत्रता से ,
परिपूर्ण होगी अब ,
कहानी नारी की ,,,,,
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