Motivational Hindi poems
आगे बढ़ तूँ ,,,,
तिनका ,तिनका जोड़कर ,
करे निर्मित नव नीड़ ,
तार तार बिखरे हों चाहे ,
जाने किस विधि जोड़कर !
तूँ भर दे ' मधुर ' संगीत ,
फिर भी , जाने क्यों ये संसार ,
तुझे अबला ही पुकारे ,,
चल रहा जबकि , तेरे ही सहारे !
लग गए तेरी मुस्कुराहटों पर भी
विराम चिन्ह !
पौंछ आँसुओं के ढ़र्रे ,
बह रहे हैं ,जो कोरों से तेरे ,
तोड़ निर्बल का घरौंदा ,
हृदय मैं अन्तर्निहित शक्ति की ,
सुन आर्त पुकार ,
छोड़ अपना चीखों से भरा विलाप तूँ ,,
त्रस्त नहीं तारणहार बन ,
आँसुओं को पीछे छोड़ ,
आगे बढ़ तूँ , आगे बढ़ तूँ ,,,,,,,,
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