अभी अभी तो चलना सीखा है ,,,,
अभी अभी तो चलना सीखा है ,
अभी तो पूरी ज़िंदगी बाँकी है ,
मेरे मौन मैं भी ,एक ऊँची सी आवाज थी ,
सोचा , सुनूँ ,मैं उस अनसुनी आवाज को ,तो जिंदगी
और भी खूबसूरत होगी ,,,,,
अभी अभी तो चलना सीखा है ,
अभी तो पूरी ज़िंदगी बाँकी है ,,,,,
धीरे धीरे अंदाज बदलेगा ,
और बदलेगा मेरे जीने का सलीका ,
जिंदगी की हकीकत से और रूबरू हो जाउंगी ,
तमाम जद्दोज़हद से जिंदगी का तजुर्बा होगा ,
और मैं और मजबूत हो जाऊँगी ,
क्योंकि सादगी से जीना , शायद जीना नहीं ,
और सुना है ,सादगी से लोग ,जीने नहीं देते ,
अभी अभी तो चलना सीखा है ,
अभी तो पूरी जिंदगी बाँकी है ,,,,,,,,
खड़ा तो मुझे खुद ही होना था ,
बस थोड़ी देर कर दी ,
पर अब जब खड़ी हो गई हूँ ,
तो फिर अब बैठना नहीं है ,
अभी अभी तो चलना सीखा है ,
अभी तो पूरी ज़िंदगी बाँकी है ,,,,,,,,,,
ABHI ABHI TO CHALNA SEEKHA HAI,,,,
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