रणभूमि मैं शंखनाद की आज बारी आ गई ,
रणभूमि मैं शंखनाद की आज बारी आ गई ,
जो धुँधली हो गई थी छवि ,
वह फिर हमारी आ गई ,,,,,,,,,,,,,
फिर विजय उत्सव मानाने की तैयारी हो गई ,
लहरें वह सारी थम गई ,
सुनामी की बारी आ गई ,
रणभूमि मैं शंखनाद की आज बारी आ गई ,
जो धुँधली हो गई थी छवि ,
वह फिर हमारी आ गई ,,,,,,,,,,
चंद साँसे बाँकी हैं ,
पर जोश हुआ काम नहीं ,
जो दुश्मन को न मिटा सके ,
हमको गवारा , हम नहीं ,
कह दो यह आतंक से ,
के , मृत्यु तुम्हारी आ गई ,
रणभूमि मैं शंखनाद की आज बारी आ गई ,
जो धुँधली हो गई थी छवि ,
वह फिर हमारी आ गई ,,,,,,,,,,,,
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